मुक्तक/दोहा

मुक्तक

आज गर्मी ने किया बेहाल है।
कह कोरोना अब तेरा क्या हाल है।
घूम आया विश्व में कुंहराम कर-
देख भारत में रुकी वह चाल है।।

सिर झुका कर जा जहाँ से आया था।
रे कोरोना जा जहाँ तू जाया था।
आदमी को आश्रय देता भारत है-
चीन बौना है जगत भरमाया था।।

— महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ