सामाजिक

“कोरोना माता” : हम भारतीयों के अंधविश्वास से उपजी देवी

हमारे देश की संस्कृति ,आस्था और विश्वास से बनी है ,लेकिन इससे भी इंकार नही किया जा सकता है कि यही आस्था जब विश्वास से अंधविश्वास में बदल जाती है तो बड़ी मुसीबत भी लेकर आती है। कई बार इसका नुकसान बड़ा हो जाता है। अब कोरोना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जो अंधविश्वास फैला है वो किसी बड़ी मुसीबत का मार्ग प्रसस्त कर रहा।
गाँव में अक्सर कुछ ना कुछ नया होता रहता है ,पर ऐसा कुछ होगा ये हमारे लिए आश्चर्यजनक ही है, हाँ‌ सच में जब मुझे पता चला कि ग्रामीण महिलाएं कोरोना माता की कथा करवा रही हैं तो मुझे समझ आया हमारा देश कितनी तरक्की पर है। इस दुखद परिस्थिति में जब बड़ी बड़ी महाशक्तियाँ हार मान रही है तब हमारे देश में सब कुछ नया हो रहा है एक से बढ़कर एक वैद्य है, पुजारी है, फिर भारतीयों को डर किस बात का। कल एक बाबाजी से कहा कि बाबा मुँह पर गमछा बाँध कर चलिए!कोरोना के विषय में तो आप जानते ही हैं! उन्होंने मेरी तरफ घूर कर देखा “का करिहे करोना “
हाँ क्या ही कर सकता है कोरोना दद्दू का, हम मन ही मन सोच रहे थे कि उन्होंने कहा -“करोना जहां क होये तहां होय, इहाँ कुछ न कई पाई “
अब इसे विश्वास कहे या अंधविश्वास मगर महिलाओं ने कोरोना माता की पूजा अर्चना शुरू कर दी है।
कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे संक्रमण से बचाव को लेकर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक तथा जिला प्रशासन से लेकर पंचायत जनप्रतिनिधि अपनी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं,जिनके द्वारा जितना हो रहा है उतना संभव प्रयास कर रहे हैं कि कोरोना महामारी का फैलाव ना हो।
कोरोना महामारी को कोरोना देवता मानकर कोरोना माता का पूजा अर्चना करने वाली एक महिला ने भ्रम फैलाया है कि जिस तरह देवी देवताओं को पूजा अर्चना किया जाता है समय-समय पर उन्हें प्रसाद या पशु पक्षियों को बलि देकर खुश किया जाता है उसी प्रकार कोरोना माता को खुश करने के लिए हमें भी पूजा अर्चना करनी चाहिए ,प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
पहली बार पूजा अर्चना करने वाली गृहणी महिलाओं ने बताया है कि हम लोग कोरोना को देवता मानकर कोरोना महामारी भगाने के लिए पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
इस लॉक डाउन की स्थिति में दर्जनों महिलाओं ने हाथ पूजन सामग्री लोटे में जल लिए हुए निकल पड़ रही हैं,उनपर जितने लोगों की नजर पड रही है वे उन अंधविश्वास से भरी महिलाओं को देखकर हतप्रभ रह जा रहे हैं।
कुछ ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाएं इसे कोरोना माई समझ कर  घर से लोंग इलाइची लड्डू फूल लेकर नदी या तालाब किनारे जाकर  मंगल गीत गाकर , सिंदूर से रोड़ी से कोरोना माई की पूजा  कर रही है।
महिलाओं की पूजन सामग्री में 09 लवंग,09 अढ़ऊल पुष्प, 9 लड्डू , एक सौ ग्राम मीठा का छाक रहता है।
पूजा विधि,तथा स्थल के रूप में ( परती) जहाँ खेती नहीं होता है ।
पूजा करने वाली महिलाएं बता रही हैं कि परति खेत जहां खेती नहीं होता है वहां छोटा सा गड्ढा खोद देना है- उसमें 09 लवंग- 09 लड्डू- 09 अढ़ऊल पुष्प, उस गड्ढे में रख देना है और आधा मीठा का छाक गुण वाला डाल देना है और पुनः मिट्टी से ढक कर 09 जगह सिंदूर का टीका करके और बचे हुए छाक को चढ़ा देना है। बस इतना ही कर देने से कोरोना माई खुश हो जाएगी और पूरा दुनिया पूर्ण रूप से बच जाएगी।
 सच्चाई यह है कि सोशल मीडिया पर एक महिला बता रही है कि खेतों में दो महिलाएं गई हुई थी जहां एक गाय घास चर रही थी अचानक गाय गायब लुप्त हो गई महिला घबरा गई और गाय ने एक कन्या का रूप धारण करके कहा कि मैं कोरोना माई हूं हमें पूजा तो मैं चली जाऊंगी नहीं तो सबके लिए खतरा साबित हो जाऊंगी यह बताने वाली महिला की बातों में आकर जिसने इस महिला का वीडियो देखा अंधविश्वास के चक्कर में पढ़ कर पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दिया अंधविश्वास इस कदर इन महिलाओं पर हावी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं पूजा कर देने से कोरोना खत्म हो जाएगा यह इन्हें कौन समझाए…।
सच में हम भी सोचने लगे सरकार नाहक परेशान है इतनी, हमारे यहाँ तो कोरोना से भी बड़े बड़े घातक वायरस है यहाँ कोरोना क्या कर लेगा।
 माता जी ने तो बताया कि करोना को साक्षात् देखें हैं अपनी आँखों से, बोला हम अभी नहीं जायेंगे धार देना पड़ेगा बहुत ख़तरनाक है करोना।
सच में हम परम् विदुषी माता जी की चरण वंदना करना चाहेंगे जो इतनी बड़ी ‌भविष्यवक्ता हैं ।
हम तो सोच सोच के परेशान थे देश का क्या होगा , अर्थव्यवस्था का क्या होगा ,बचाव के सारे उपाय  W.H.O. की गाइड लाइन सब खंगालते न्यूज़ देखते परेशान किंतु गाँव वाले कितनी आसानी से कोरोना माता की पूजा करके करोना को आसानी से निपटा दे रहें।
वैसे अब हम किसी को ‌सीख देने में  खुद को असमर्थ मान रहे हैं क्योंकि ‌जितना भी ज्ञान मैंने अर्जित किया था सब इन महाज्ञानियों के सामने अत्यंत तुच्छ साबित हुआ।आप भी मत डरिए मित्रों माता करोना के लिए पूजा पाठ कीजिए और शीघ्र ही इस विपत्ति से निजात पाइये। सोचा आप को बता दूँ आपके समस्त चिंताओं का अन्त हो चुका है।
यह अंधविश्वास कहीं आफत का सबब न बन जाए पढ़े-लिखे लोग इन महिलाओं के अंधविश्वास से सदमे में हैं।
— रीमा मिश्रा नव्या