कविता

सत्यार्थ युद्ध

समाचार  यहाँ ,   घोड़ा  यज्ञ  का ,  नगर  –  प्रवेश  किया  है ,
पकड़ो  –  पकड़ो  का  आदेश  ,  हंसध्वज  महेश  किया  है ।
स-अक्षर   के   साक्षर   पुत्र,   पंच   पुत्र  थे  पांडव    समान ,
एक  –  एक  बल  –  आज्ञाशाली, वे  किशोरवय   के  जवान ।
सुगल  ज्येष्ठ  पुत्र  थे  ताकतवर , ब्रह्मास्त्र   वह   पाया   था  ,
दिशा   उत्तर   का    रक्षा – भार  ,  संभालने  वह  आया  था ।
मंझले   पुत्र    सुरथ     ने ,   रथ   –    कवचास्त्र    पाया था  ,
दक्षिण दिशा का रक्षा – भार , हाँ, वह संभालने आया  था ।
सम  नाम   था,  संझले   का ,  की  सर्वास्त्र  वह   पाया   था ,
रक्षक  बने  वो  पूर्व  दिशा  के , वे  ही  संभालने    आया था ।
चौथे   पुत्र   सुदर्शन   ने , मोह   दर्शन  के  मोहास्त्र  पाया था ,
पश्चिम  दिशा  का  रक्षा  –  भार ,  संभालने   को  आया  था ।
औ’   कनिष्ठ   थे   सुधन्वा  , घोड़ा  उसे   ही   पकड़ना   था ,
किशोर थे  विवाहित वे,  हा – हा ,  युद्ध    उसे ही लड़ना था।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.