हास्य व्यंग्य

सब धान बाईस पसेरी

बिहार के नियोजित शिक्षकों का विजन 2020 यानी उनकी सोच लिए एक बिल्कुल ही नई व डेब्यू सरकार के साथ नियोजित शिक्षक केंद्रित हो ! अगर परिवार में किसी को चपरासी की नौकरी है, तो उनके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस नहीं होंगे क्या ? एक शिक्षक के चावल व आलू-प्याज चुराने से या छात्रा को भगाने से या उनके द्वारा सही से दिन के नामों का उच्चारण नहीं करने से सभी शिक्षक चोर, बेकार व फालतू, अनपढ़ व गँवार या आवारा कैसे हुए ?

सब धान बाइस पसेरी तो बिल्कुल नहीं सोची जानी चाहिए ! वैसे ही जदयू माने सिर्फ नीतीश जी नहीं है या भाजपा माने सिर्फ़ सुशील मोदी जी ही हो, ऐसी बात नहीं ! हमें व्यक्तिवादों से मुक्ति चाहिए । बहरहाल, इन दोनों के रहते ‘नियोजित’ शिक्षकों का भविष्य गर्त में ही रहेगा ! ऐसा 2020 के प्रसंगश: अगर कहा जाता है, तो यह चौंकनेवाली बात रही कहाँ ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.