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‘योग’ को आयु से जोड़ना गलत है

‘योग’ शब्द ‘युज’ में ज पर हलन्त से बना धातु से निःसृत है । ज़िन्दगी के रेलमपेल में एक गरीब व्यक्ति इतने शारीरिक कसरत करते हैं कि यह उनके लिए योग है । योग के लिए अपने-अपने आसन हैं । क्रीड़ा और टहलना भी योग है ।

लोग यह क्रिया प्रतिदिन करते हैं। अगर विविध आसनों की बात की जाय, तो ‘संभोग’ भी एक ‘योग’ है । लेकिन ‘योग’ को आयु से जोड़ना गलत है! पत्रकार खुशवंत सिंह ने कभी योग नहीं किया, किन्तु 90 से ऊपर की आयु पाए!

मैं पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी को सबसे स्वस्थ व्यक्ति मानता हूँ, जो 90+ की आयु पाकर भी अपना स्वास्थ्य को बरकरार रखे हुए हैं! परंतु जो बेरोजगार है और इस महंगाई की मार ने उनके 2400 कैलोरी भोजन की योजना को सीमित कर दिया है, वह कैसे ‘योग’ कर पाएंगे? यह सरकारों के लिए यक्षप्रश्न है!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.