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आयुर्वेद का तयशुदा सच !

कोरोनील टेबलेट अगर कारगर है, तो गलत कैसे ? यह अगर सस्ती मिले तो बेहतर है । दवा में शोध जरूरी है, किन्तु पतंजलि अविश्वनीय नहीं है । ध्यातव्य है, आयुर्वेद में साइडइफ़ेक्ट न के बराबर है ! विदित हो, किट विकसित होने के बाद कोरोना हेतु बने सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ बने । आमिर खान प्रस्तुत सीजनली टी.वी. धारावाहिक ‘सत्यमेव जयते’ में सस्ती व जेनेरिक दवाइयों की चर्चा हुई थी।

पिछले साल माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की पहल पर अखिल भारतीय चिकित्सा बोर्ड ने भारत भर के सभी एलोपैथिक चिकित्सकों के लिए आदेश जारी किया है कि अब वे प्रेस्क्रेप्शन पर सस्ती व जेनेरिक दवाइयाँ लिखे तथा रोगियों पर आर्थिक भार कम देने के उद्देश्य से ज्यादा मात्रा में दवाइयाँ न लिखें, बावजूद इस आदेश को नज़रअंदाज़ कर चिकित्सकों द्वारा दवाई कंपनियों से कमिटमेंट कर तथा एम.आर. से पैसे की लेन-देन कर महँगी दवाई धड़ल्ले से लिख रहे हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.