भाषा-साहित्य

संस्कृत व्याकरण के आधुनिक रचयिता

संस्कृत भाषा और साहित्य संसार की प्राचीनतम भाषा और साहित्य में है। संस्कृत विद्वान पं. काशीनाथ मिश्र को सादर नमन। मिति 18 जुलाई 2018 को संस्कृत के विद्वान तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति (1998-2001) रहे पं. काशीनाथ मिश्र का निधन 95 वर्ष की आयु में हुआ था, 19 जुलाई 2018 को स्व. मिश्र का अंतिम संस्कार वाराणसी में किया गया था।

उनकी रचित ‘संस्कृत व्याकरण’ काफी प्रसिद्धि प्राप्त की है । यह पुस्तक भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के सिलेबस में भी सम्मिलित है। वे राष्ट्रपति पुरस्कृत भी थे।

पं. काशीनाथ मिश्र मेरे एक सहकर्मी के नानाजी थे । पं. मिश्र से सम्बंधित जानकारी उन्हीं से प्राप्त हो पाई । परमशक्ति इस महान व्यक्तित्व को आत्मिक शांति प्रदान करेंगे, सादर नमन और सादर श्रद्धांजलि!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.