कविता

जीवन

जीवन क्या है?
ये बता दे तू,
सारे गमों की दवा दे तू,
हंसते रोते कट जाती है ज़िन्दगी,
जिन्दगी को जीना सिखा दे तू,
धूप छांव में मिट गये जीवन के तजुर्बे,
सांस लेना सिखा दे तू,
दौलत कमाना तो बहुत आसान है,
दूसरे के आंसू पोछना सिखा दे तू,
जीना मरना तो एक प्रक्रिया है,
मरने के बाद जीना सिखा दे तू,
जाओ तो ऐसे जाओ की लोग याद रखें,
नाम के लिए काम करना सिखा दे तू,
ए जिंदगी जीना सिखा दे तू।।
— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384