कविता

काम तुम्हारा – नाम तुम्हारा

चिड़ियों की चूँ-चूँ, चीं-चीं कहती
सदा रहो तुम गाते – मुस्काते
पल-पल करो सदा सद उपयोग
श्रम करने वाले कभी नहीं पछताते |

चींटी रानी करती रहती काम
मूल्य समय का वो जानती,
मन में भरकर अटल विश्वास
निरन्तर आगे ही आगे बढ़ती |

बाजी तुम भी जीत जाओगे
आलस त्याग काम पे लगजाओगे
एक दिन नया सवेरा लाओगे
सूरज नया उगाओगे |

चंदा तुमको शीश झुकायेगा
पर्वत गुणगान तुम्हारा गायेगा
जब सब काम समय से करोगे
नाम तुम्हारा जग में अमर हो जायेगा |

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111