बाल कविता

मां मुझको वो कथा सुना दे

मां मुझको वो कथा सुना दे,
सुनकर जिसको वीर शिवा ने,
कदम बढ़ाया और चले वो,
मातृभूमि की शान बढ़ाने.

मां मुझको वो ज्ञान सिखा दे,
सुनकर जिसको अर्जुन जी ने,
पांडव कुल की आन बचाई,
आज वो गीता ज्ञान सिखा दे.

मां मुझको तू वीर बना दे,
वीर भगत आज़ाद तिलक की,
कथा सुनाकर धीर बना दे,
कष्ट सहूं मैं हंसते-हंसते.

मां मुझको वो गीत सुना दे,
देशभक्ति जो हमें सिखा दे,
सुनकर जिसको शत्रु भाए,
हम सब तन-मन-धन को वारें.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244