पुस्तक समीक्षा

एक अद्भुत उपन्यास की समीक्षा

पहली बार ऐसी ‘नॉवेल’ लिखी गयी है, जिसकी शुरुआत ही बेहद अद्भुत है, परमपिता के यमदरबार और विचित्रगुप्त की लेखाजोखा बहीखाता से घटनाचक्र शुरू होकर कब सपने से निकल वास्तविकता में प्रवेश कर जाते हैं और भारत की ‘शिक्षा व्यवस्था’ पर कमेंट करती चली जाती है, पाठकों को भी पता चल नहीं पाता है ।

हिंदी उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ में ‘बिहारी शिक्षा व्यवस्था’ पर भी तंज कसा गया है, जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेजों की दुर्दशा, तकनीकी शिक्षा और प्रैक्टिकल व्यवस्था का अभाव, नाम के ‘असाधारण कॉलेज’ में बेकार पढ़ाई की व्यवस्था, कॉलेज व्याख्याता के नाम पर सीनियर स्टूडेंट्स और पॉलिटेक्निक संविदा शिक्षकों से कोरम पूरा करवाये जाना, बावजूद उन्हें समय पर वेतन न मिलना पर -जैसे गंभीर मुद्दों पर गहरे सवाल इस ‘प्रेम कहानी’ द्वारा उठाये गये हैं, तो उपन्यास में मिलेंगे ‘मस्तानी मुहावरें’ भी, जैसे- मोबाइल बेचकर सोना।

ऐसे प्रसंग और लक्ष्य ही ‘वेंटिलेटर इश्क़’ को बेहतरीन उपन्यास बनाता है। इसतरह के उपन्यास कम ही पढ़ने को मिलती हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.