लघुकथा

चमक

चमक तो चमक ही होती है, चाहे वह किसी भी प्रकार की चमक क्यों न हो!
अब देखिए न, इंद्रेश भाई के चेहरे पर चमक आ गई. आरोग्य सेतु की बदौलत सरकार ने फोन करके मेरे स्वास्थ्य के विषय में जानकारी ली. है न यह चमक वाली बात!

सोने की चमक की तो बात ही निराली होती है. इसलिए हमें कहावत बनानी पड़ी, कि ”हर चमकती चीज सोना नहीं होती. सोने की चमक की खबरों ने हमेशा सोने के व्यापारियों के चेहरे की चमक बढ़ाई है. अभी ताजा खबर आई-
”बस 5 दिन में सोने ने किया ये कमाल, चांदी ने बनाया रेकॉर्ड”

सोने व्यापारियों के मन बाग-बाग हो गए. वैसे चेहरे की चमक के लिए अभी-अभी खबर आई है-

”नमक के पानी से धोएं चेहरा और बाल, नहीं पड़ेगी किसी क्रीम और कंडीशनर की जरूरत”. यह चमक नमक के मिनरल्‍स की वजह से है. आपकी टुथपेस्ट में भी तो नमक होता है न! वैसे आप नमक और कोयले के मञ्जन से भी दांतों को चमका सकते हैं. सरसों के तेल और नमक से तो दांतों की चमक के साथ दर्द से भी निजात मिल जाती है.

चमक आंखों की भी होती है. नीचे की मंजिल पर एक भाई रहता हो, ऊपर की मंजिल पर दूसरा और एक भाई दूसरे से कहे- ”तू रिटॉयर्ड है, तेरी बीवी ऑफिस जाती है, रोज सुबह 11 बजे मेरे यहां चाय पीने आ जाया कर.” उस समय दोनों भाइयों के चेहरे की चमक देखने वाली होती है. चाय का तो बहाना है, बस रो नियमित समय पर मिलने की प्रतीक्षा कितनी आनंददायक होगी!

किसी भी क्षेत्र में सफलता मिले, चेहरे की चमक का जवाब नहीं!

चेहरे की चमक तब और बढ़ जाती है, जब 8 साल की मूकबधिर बच्ची के लापता होने पर UP पुलिस के 5 घंटे में उसे खोज निकालने की खबर मिलती है.

हम ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी बिहार के एक किसान की चमक के दीवाने हैं. पीएम मोदी ने खुद इस बात का जिक्र रविवार को अपने मन की बात में किया. बिहार के बेगूसराय जिले के किसान जय शंकर कुमार की मोती की खेती की चर्चा अब राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है.

मन की बात में मोती की खेती की चर्चा होने के बाद किसान जय शंकर सिंह काफी खुश हैं और इसे बिहार के लिए गौरव की बात बता रहे हैं. जयशंकर ने खुद के 30 कट्ठे के जमीन में पोखर बनाया है. इस पोखर में फिलहाल 4000 सीप में मोती लगाए गए हैं. जयशंकर कुमार बताते हैं कि वो पोखर में पानी भरने के बाद दोनों तरफ बांस लगाकर उसमें डोरे में सीप को जाल का झोला बनाकर उसमें सीप भर टांग देते हैं ताकि सीप इधर-उधर न हों. सीप में मोती लगाने के लिए सीप का मुंह खोलकर उसमें डाइस भरा जाता है और 9 महीने से 12 महीने के अंदर सीप के अंदर लार से डायस मोती बन जाता है.

भारत की हवाई ताकत तो कई गुना बढ़ाने के लिए राफेल विमान के आने की खबर भी चेहरे की चमक को बढ़ाने के लिए काफी है. आखिर हमारी और देश की सुरक्षा का सवाल जो है!

चमक का होना और चमक का बने रहना उसी तरह बहुत जरूरी है, जैसे रिश्ते बनाना बहुत आसान है, रिश्तों की चमक को बनाए रखना!

”चमक बनाए रखो सूरत की भी सीरत की भी, नजर की भी नजरिए की भी” चमक ने चमकते हुए कहा.

”नजरिए में चमक का होना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा अपने सिवाय सबमें खोट ही नजर आती है,” मन ने कहा.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “चमक

  • लीला तिवानी

    रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
    रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥
    इस दोहे में रहीम ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है। पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है। रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता (पानी) होना चाहिए। पानी का दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है जिसके बिना मोती का कोई मूल्य नहीं। पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे (चून) से जोड़कर दर्शाया गया है। रहीम का कहना है कि जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नम्र नहीं हो सकता और मोती का मूल्य उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता है, उसी तरह मनुष्य को भी अपने व्यवहार में हमेशा पानी (विनम्रता) रखना चाहिए जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है।
    जैसे बिन पानी सब सून, चमक बिना भी सब सूना-सूना होता है.

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