लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .
बाल – बच्चों को निहारता हूं , लेकिन आंखें मिलाने से कतराता हूं .
डरता हूं , थर्राता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .
बिना किए अपराध बोध से भरे हैं सब
इस अंधियारी रात की सुबह होगी कब .
मन की किताब पर नफे – नुकसान का हिसाब लगाता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .
सामने आई थाली के निवाले किसी तरह हलक से नीचे उतारता हूं .
डरता हूं , घबराता हूं , पर सुनहरे ख्वाब से दिल को भरमाता हूं .
लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .
— तारकेश कुमार ओझा

परिचय - तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। तारकेश कुमार ओझा, भगवानपुर, जनता विद्यालय के पास वार्ड नंबरः09 (नया) खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) पिन : 721301 जिला पश्चिम मेदिनीपुर संपर्क : 09434453934 , 9635221463