लघुकथा

गुनाह

कोरोना का भयाक्रांत दृश्य देखकर रामवती के प्राण हलक में आ गए थे. फिर भी सामाजिक रिश्ता बरकरार रखने में उसने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.

बुजुर्ग महिला रामवती अपने एक बेटे के साथ विवाह समारोह में सम्मिलित हुई.

कोरोना वायरस संक्रमण ने उसको संक्रमित कर दिया.

पीड़ित रामवती का कुछ दिनों बाद स्वर्गवास हो गया.

इधर उसकी सहेली कलावती का भी यही हश्र हुआ.

”दोनों सहेलियां स्वर्गवासी हो गईं.” किसी ने कहा.

शायद स्वर्ग में भी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों को एक जगह रखा जा रहा था, सो दोनों का मेल हो गया और गुफ्तगू चालू हो गई.

”तुम यहां कैसे रामवती!”

”जैसे तुम, शायद कोई गुनाह किया होगा!”

”गुनाह! कैसा गुनाह !!”

”मैंने रिश्तेदार की शादी में सम्मिलित होने का गुनाह किया था.”

”मैंने भी गुनाह किया था, पर घर में रहने का!”

”वो कैसे!”

”अब देखो न, दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है, कि घर के सामानों से और बाहर से आने वाले सामानों के जरिए भी कोरोना फैलने की पूरी संभावना है.”

”पर मेरे बेटों ने तो कोई गुनाह नहीं किया, मेरे बाद एक-एक करके मेरे 5 बेटों की मौत हो गई. परिवार में कोई बचा नहीं जो शवों का अंतिम संस्कार भी कर सके. सब रिश्तेदार व परिवार के अन्य सभी सदस्य होम क्वारंटाइन में हैं. हां, याद आया मेरे बेटों ने मेरी अर्थी को कांधा देने का गुनाह किया था.” रामवती की रामकथा पूरी हुई.

”मेरे बेटे ने मेरी अर्थी को कांधा न देने का गुनाह किया था. उसे इतने ताने सुनने पड़े, कि उसने आत्महत्या कर ली.” कलावती कलप उठी थी.

”गुनाह की ऐसी व्यथा-कथा शायद ही किसी ने सुनी होगी!” बाकी सबने व्यथित होकर सुर मिलाया.

अपनी परिभाषा तलाशते हुए गुनाह चुपके-से छिपने को कोई स्थान ढूंढ रहा था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “गुनाह

  • लीला तिवानी

    Jharkhand coronavirus Updates: कोरोना से करोड़पति परिवार में मां और 5 बेटों की मौत, परिवार में कोई बचा नहीं जो शवों का अंतिम संस्कार भी कर सके
    कोरोना वायरस संक्रमण ने झारखंड में धनबाद जिले के कतरास में रहने वाली एक वृद्ध महिला और उसके पांच बेटों की जान ले ली। महिला और पांच बेटों की एक-एक कर मौत होने के साथ ही परिवार के अन्य सभी सदस्य होम क्वारंटाइन में हैं, जिसके कारण रांची के रिम्स में 19जुलाई को दम तोड़ने वाले परिवार के छठे सदस्य का कोई शव लेने अब तक नहीं आ पाया है।

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