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बिंदुवार विचार

1.]  अगर राजनीति में हैं, तो आपको मानव-प्रेम कभी नहीं होंगे । अगर होंगे भी तो किसी चिह्नित से ही प्रेम होंगे ।

2.] भारत में भी काला – गोरा में भेद है, यह देख बड़ा अजीब लगता है ! आप किसी असुंदर पर भी दिल लगाकर देखो, तब ही आपकी अहमियत पता चलेगी !

3.] जो जीतता है, वह ही सिकंदर नहीं है ! क्योंकि सिकंदर आततायी थे, वैसे भी वे सभी देश व भूखंडों को नहीं जीत पाये थे ! भारत को तो हरगिज़ नहीं, फिर उसे विश्वविजेता क्यों कहूँ ? हाँ, ऐसी मंशा लिए वे भारत आये थे, किन्तु यहाँ आते ही उनके प्राण-पखेरू उड़ गए ।

4.]  लोग कहते हैं-  ‘मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी’। परंतु नए नोट आते ही गाँधी जी और भी विहँस रहे हैं और मजबूर तो इन नोटों के संचयी लोग हैं ! इनके पास बेनामी नोट ही नहीं, बेनामी संपत्ति भी है । ऐसे में बतायेंगे, गाँधी जी कब, कहाँ और कैसे मजबूर हुए ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.