मुक्तक/दोहा

मुंशी प्रेमचन्द को समर्पित मुक्तक

गोदान ग़बन और रंगभूमि हाँ कर्मभूमि के दाता हो,
नारी – जीवन   के   संघर्षों  के  तुम  ही  उद्गाता हो,
दीन-हीन के नायक तुम हो कृषक वेदना का स्वर हो,
मानसरोवर के मराल तुम, कथा जगत के त्राता हो।।

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

विभागाध्यक्ष, हिंदी अम्बाह स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, अम्बाह जिला मुरैना (मध्यप्रदेश) 476111 मोबाइल- 9826335430 ईमेल-dr.svsharma@gmail.com