लघुकथा

शादी यानी बर्बादी

एक पुरानी कहावत है ‘शादी यानी बर्बादी’ …. लेकिन फिर भी दोनों पार्टी इन्हें अपने गलें में वर मालों के रूप ‘अदला-बदली’ करते है ! सामाजिक दवाब के कारण भी और सबसे बड़ा कारण …’एक रात का आनंद यानी सुहागरात’ के मस्तियों के कारण …. यदि ‘इस रात के आनंद के कारण’ को हम साइड रख दें तो ‘दोनों पार्टी’ ‘गठबंधन’ नहीं बनायेंगे, क्योंकि समाज तब आपको रास्ता नहीं देता हैं ‘आओ राजा, कुड़ी मत खटकाओ ….सीधा अंदर आओ’ ….नामक कहावत को ‘सही करने’ का ! …. लेकिन समाज यह इजाजत जरूर देता ‘रात्रिपाठशाला’ का जब उपयोग करों लेकिन सजा तो ‘9 माह’ बाद ‘दोनों को भुगतना’ हैं ।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.