कविता

स्वास्तिक

      स्वास्तिक
धर्म का प्रतीक जो
सघन संवेदना का आधार
जिससे होता मंगल हमारा
कल्याण ही है आधार
देवताओं की शक्ति जो
शुभकामनाओ का प्रतीक
नूतन निर्माण है जो
कर्म-भावना का आधार
चार भुजा धारी है जो
अनंतता में गति आधार
जड़-चेतन का संयोग
जीव-जगत का विकास
भारतीय संस्कृति का आधार
मंगल कामनाओं का प्रतीक
है हमारा स्वास्तिक

गरिमा राकेश गौतम

गरिमा जेरोक्स & स्टेशनर्स 505 महावीर नगर द्वितीय कोटा राजस्थान mail-garimazerox505@gmail.com Mo.no-7742735100, 6376033207