लघुकथा

अंधभक्ति की पराकाष्ठा

सुबह के चार बजे का समय रहा होगा. समारू काका की नींद खुल गयी. उन्हें जोर का प्रेशर आया था. गाँव के अन्य लोगों की भाँति उनके घर में भी शौचालय नहीं था, सो उन्हें गाँव के बाहर स्थित खेत और तालाब पर ही निर्भर रहना पड़ता था.

वे तेज कदमों से सँभलते और लगभग दौड़ते हुए तालाब की ओर भागे. बहुत कोशिश के बाद भी खेत तक नहीं पहुँच सके और गाँव के अंतिम छोर पर स्थित बुधरू काका के घर के आगे बैठ गए.
अन्धेरा था, किसी ने भी नहीं देखा, यह तसल्ली थी उनके मन में.
पूरी तरह से निवृत्त होने के बाद उन्हें लगा, कि सुबह होते ही इधर से गुजरने वाला हर आदमी उसे पानी पी-पीकर कोसेगा.
उन्होंने अगल-बगल देखा. कोई आदमी नहीं दिखा. पास में ही उन्होंने देखा कि सुभाष पटेल ने घर के नीँव में डालने के लिए कुछ पत्थर मंगवाए हैं. समारू काका ने वहां से चार पत्थर लाकर मल के ऊपर डाल दिया, ताकि उसे कोई देख न सकें.
ऐसा करते हुए बलराम ने उसे देख लिया. बलराम ने भी सुभाष के घर के सामने से दो पत्थर लाकर उसके ऊपर रख दिया. बलराम की देखा-देखी रामू, श्यामू, दीना, जगत काका ने भी दो-दो पत्थर डाल दिए.
उधर से नहा-धोकर लौट रहे पंडित जी ने पत्थरों के ढेर में थोड़ा-सा सिंदूर डाल कर पानी डाल दिया.
उसी समय समारू काका तालाब से नहा धोकर लौटते समय पंडित जी को वहां पूजा करते देख चौंक पड़े. पंडित जी बता रहे थे- “आज सपने में देवी माँ आयी थीं. उन्होंने कहा था कि गाँव के ठीक बाहर मेरी स्थापना कर मंदिर बनाओ, नहीं तो गाँव में मुसीबतों का पहाड़ टूट पडेगा. अब देखो, आज सुबह जब मैं यहाँ पहुंचा, तो देवी माँ सामने ही दिख गईं. अब तो यहाँ मंदिर बन कर रहेगा.”
श्रद्धालु मंदिर निर्माण के लिए मुक्त-हस्त दान कर रहे थे.
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) अब तक कुल 16 पुस्तकों का प्रकाशन, 60 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : pradeep.tbc.raipur@gmail.com डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888