गीत/नवगीत

सीमा का सिपाही

युद्ध अरि से लड़ने जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर,
तन मन न्यौछावर कर जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

एकता के यज्ञ में प्राणों की आहुति देकर,
अपने उर में देश रक्षा का दृढ़ संकल्प लेकर,
देशभक्त मैं कहलाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

मात्र भूमि पर बलिहारी तन मन,
राष्ट्रगीत से करूँ भारत माँ का वंदन,
सरहद पर वीरगति पाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

देशभक्ति का गान करूँ, श्वांसों की माला से,
अखण्डता का दीप भरूँ, शौर्य की ज्वाला से,
राष्ट्रहित में बलि-बलि जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

जीवन धन्य है जो वतन के काम आये,
मेरा भी देश प्रहरियों की सूची में नाम आये,
प्राण पुष्प अर्पित कर जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

यह त्रिवर्ण ध्वज सदैव लहराता रहे,
कंठ देशप्रेम के गीत यूँ ही गाता रहे,
राष्ट्र उपासक बन जाऊँ, सीमा का सिपाही बनकर।

— प्रीति चौधरी “मनोरमा”

प्रीति चौधरी "मनोरमा"

पिता का नाम श्री सतेन्द्र सिंह माता का नाम श्रीमती चंद्रमुखी देवी जन्म स्थान ग्राम राजपुर,पोस्ट मलकपुर (बुलन्दशहर) पति का नाम श्री सुभाष सिंह डबास स्थायी पता श्रीमती प्रीति चौधरीW/o श्री सुभाष सिंह डबास ग्राम+पोस्ट लाड़पुर तहसील स्याना बुलंदशहर(यू०पी०) पिन कोड 203402 फ़ोन नंबर 9719063393 जन्मतिथि 05/08/1985 शिक्षा बी०ए०,एम०ए०,बी०एड०, विशिष्ट बी०टी०सी० व्यवसाय अध्यापन प्रकाशित रचनाओं की संख्या लगभग 66 प्रकाशित पुस्तकों की संख्या आखर कुँज(साझा संग्रह), स्वरांजलि(साझा संग्रह), रत्नावली(साझा संग्रह) प्रकाशनाधीन साझा संग्रह मैं निःशब्द हूँ (साझा संग्रह) हे भारत भूमि(साझा संग्रह) उन्मुक्त परिंदे (साझा संग्रह), नवकिरण (साझा संग्रह) काव्य सृष्टि (साझा संग्रह) शब्दों के पथिक (साझा संग्रह) सम्मान का विवरण साहित्य शिरोमणि सम्मान, स्वामी विवेकानंद साहित्य सम्मान, माँ वीणापाणि साहित्य सम्मान आदि।