क्षणिका

क्षणिका : तर्पण

-1-
जीते जी,,,
सम्मान नहीं
मरने पर
श्राद्ध तर्पण
कैसा घोटाला ?

-2-
अतृप्त मन
स्नेह मृगतृष्णा,
कैसे कर दूं,
यादों का तर्पण ?

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed