कथा साहित्य

प्यारी हिन्दी

हिंदुस्तान के जन-जन की भाषा,
प्यारी हिन्दी है हमारी अभिलाषा ।
राजभाषा के उत्सव में समर्पित,
जग में मान बढ़ाने की जिज्ञासा ।।
जिसकी छांव में पलकर बड़ा हुआ,
कोमल सी वाणी पाकर खड़ा हुआ ।
साहित्य सृजन का शिल्पी बनकर,
पद- दायित्व को संभाले पड़ा हुआ ।।
हिन्दी समारोह का उत्सव प्यारा,
गर्वित पलकों से अद्भुत नजारा ।
फरहाद गर्व मुझे इस कालिंदी का,
गदगद सा प्रफुल्लित दिल हमारा ।।

अमरजीत कुमार "फरहाद"

सहायक लेखा अधिकारी रक्षा लेखा अपर नियंत्रक कार्यालय, लेखानगर, नासिक - 422009 email - amarjeet3287@gmail.com