सामाजिक

‘पंडित’ माने सिर्फ ‘ब्राह्मण’ नहीं !

‘पंडित’ से तात्पर्य ‘ब्राह्मण’ से नहीं है ! ‘पंडित’ का अर्थ ‘ज्ञाता’ से है और ज्ञाता सिर्फ़ ब्राह्मण नहीं होते !  संस्कृत का श्लोक पढ़ लिये या गढ़ लिये, तो आप ‘पंडित’ हो गए, ऐसे थोड़े ही पंडित कहाता है और न ही यह प्रसंग उद्धरणीय है !
पंडित तो ‘जुलाहे’ कबीर थे, जिसने कहा था… ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ! पंडित तो मोची ‘रविदास’ व ‘रैदास’ थे, जिसने कहा था… मन चंगा, तो कठौती में गंगा ! ‘रामायण’ के रचयिता वाल्मीकि ‘डोम’ यानी शूद्र थे, ब्राह्मण नहीं ! ‘महाभारत’ के रचयिता व्यास ‘निषाद’ यानी शूद्र थे, ब्राह्मण नहीं ! ‘ब्राह्मणत्व’ से बाहर आइए !
‘ब्राह्मण’ कोई जाति नहीं, वो तो वर्ण है और वर्ण का अर्थ रंग (colour) भी होता है । अगर हम colour blindness से बच निकलते हैं और ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ अपनाते हैं, तभी हम असली ज्ञाता व पंडित है!
तब द्रोणाचार्य या कृपाचार्य जाति पूछकर ‘शिष्यों’ को  शिक्षादान करते थे ? क्या हम ऐसे ही आचार्य कहलाना चाहेंगे, जो विद्यार्थियों की जाति पूछकर पढ़ाते हैं !
ध्यातव्य है, डॉक्टर ‘रोगियों’ की जाति पूछकर इलाज नहीं किया करते हैं ! फिर असली पंडित तो सिर्फ़ एक जाति में बँधे नहीं हो सकते हैं न ! इसके सापेक्ष हम यथाप्रसंगश: श्री गणेश महोत्सव के बारे में जानते हैं कि जब देश की सत्ता अहंकारी हो गया, तब ही देश गुलाम हो गया…. तब महान स्वतंत्रता सेनानी लाल -बाल- पाल के ‘बाल’ गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को विघ्नहर्त्ता श्री गणेश की आराधना कर भारत को एक सूत्र में बाँधने हेतु व एकता में लाने हेतु जो पूज्य कार्यार्थ नींव रखे, कालांतर में राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित यह कार्य धार्मिक आस्था के प्रतीकार्थ हो गए ! वैसे भी सनातन धर्मकथा -विन्यासानुसार श्री गणेश की पूजा-अर्चना सर्वप्रथम होती है….

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.