कविता

प्यारी हिन्दी

भारत प्यारा देश हमारा,

इसकी भाषा प्यारी हिन्दी,
अपनत्व की भाषा है हिन्दी,
भारत के माथे की बिन्दी,
केवल भारत में ही नहीं,
विश्व में प्रसिद्ध है हिन्दी,
हिन्दी एक भाषा ही नहीं,
हिन्दी तो एक अहसास है,
विचारों की सशक्त नींव है,
भाषा तो बहता नीर है,
जन-जन भुलाये हिन्दी,
बहुत बड़ी यह पीर हैै,
हिन्दी से गहरा नाता है,
एकता में देश को बाँधा है,
हमारी पहचान है हिन्दी,
प्रथम भाषा ही है हिन्दी,
सभ्यता हमारी हिन्दी है,
हिन्दी ही हमारी सँस्कृति हैै,
भारत देश की शान है,
हम सबका यह अभिमान है।
— डॉ. विजय लक्ष्मी

डॉ. विजय लक्ष्मी

काठगोदाम, उत्तराखण्ड