कविता

मुक्तक

जब खुद को खुदी से प्यार हो जाए
जीवन में त्योहार हो जाए
वफ़ा का डर न बेवफ़ा की चाहत
हर कदम से गमों का हार हो जाए
जब खुद को खुदी से प्यार हो जाए

 

जिन्दगीं में खुशमिजाज रहना जरूरी है
अपने सोच को सकारात्मक बनाये रखना भी जरूरी है
चाहे जितना मुश्किलें आये जिंदगी में
आत्म विश्वास बनाये रखना जरुरी

 

प्यार छुपा है न जुपेगा
प्यार झुका है न झुकेगा
क्यों डर है तुझे ज़माने का
दिवाना डरा है न डरेगा

सी.पी.गौतम

चन्द्र प्रकाश गौतम

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय छात्र मीरजापुर उत्तर प्रदेश पिन कोड 231306 मोबाइल नंबर 8400220742

One thought on “मुक्तक

  • फातेमा किरानावाला

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