गीतिका/ग़ज़ल

बेटी है तो कल है

बेटे भले ही झूठे निकलें पर बेटी तो सत्य अटल है,
बेटी का मान सदा ही रखना सब,बेटी है तो कल है।
कोख में ना मारो, बेटी बिना जीवन नही सफल है,
जीवन में उजियारा लाती है बेटी,बेटी है तो कल है।
प्रियजन पे संकट आए,तो करती नयन सजल है,
मन से और तन से होती बेटी तो अति कोमल है।
इज्जत है घर की सम्मान है माता-पिता का दिल है,
संस्कार को पोषित करती बेटी गंगा सी निर्मल है ।
प्रेम,समर्पण और दया भाव बेटी का त्याग विमल है,
माहौल मुताबिक खुद को ढाले,जैसे बहता जल है।
एक बेटी की माँ हूँ मैं खुशियों से आंख  सजल है,
गर्व मुझे है जान्हवी बेटी पर जो नि:कपट निश्चल है।
बेटे भले ही झूठे निकलें पर बेटी तो सत्य अटल है,
बेटी का मान सदा ही रखना सब,बेटी है तो कल है।
— मीना सामंत

मीना सामंत

कवयित्री पुष्प विहार,एमबी रोड (न्यू दिल्ली)