हास्य व्यंग्य

पिंड छूटे या फूटे !

बिजली रानी फिर रूठ गई है, तीन-चार दिनों से बात नहीं कर रही है ।
आज तो हद हो गई, 13-14 घंटे हो गए, नहीं आई है । चाहे, नवाबगंज या डालाबीर में ग्रिड बने या लेनिन ग्राद ! यह बिजली रानी रूठी ही रहेगी !
जिनके मोटर से पानी टंकी में चढ़ते हैं, बिजली नहीं रहने के कारण पानी टंकी में चढ़ नहीं पाती और शौच के लिए बैठे व्यक्ति के बगैर धोये ही उठ जाना पड़ता है।
वह बिजली है, वह न दया को जानती है, न माया को ! अब तो तलाक भी आसान नहीं, जो कि बिजली रानी से पिंड छूटे !
कोरोनाकाल के कारण गया जी में इसबार पिंडदान शुरू नहीं हुई, ऑनलाइन शुरू हुई थी, पर पंडा जी ने बंद करा दिए !
तो, पिंड नहीं छोड़ रही, तो पिंडदान ही सही !
आओ रानी ! मैं तेरा राजा नहीं रहा ! सेवक ही बना लो, तोहार सबके सब परिधान को धोते जाऊंगा, तेरी छुटकी बहन की कसम !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.