गीतिका/ग़ज़ल

मेरी मांग में तारे सजाने वाले

मुझे ढेरों ख़्वाब दिखाने वाले
मेरे साथ  दुनिया बसाने वाले

मिले कितने नज़र चुराते हुए
पर तुम मेरा दिल चुराने वाले

कभी ख़ुद को खो डालूं जो मैं
मुझे मुझ में ही ढूंढ लाने वाले

उन्हें इक जनम का पता नहीं
तुम जन्मों के बंधन निभाने वाले

रहो बरसों बरस सलामत तुम
मेरी मांग में तारे सजाने वाले

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी