सामाजिक

अपने-अपने मूल्य

हम से कितने हैं, जो अपने आसपास रह रही ऐसी माँ और उनकी संतानों को पर्व-उत्सवों में नए परिधान स्वत: व बिनमाँगे देते हैं ? मैं खुद 30 वर्षों से किसी पर्व-त्योहारों में नए परिधान न तो सिलवाता हूँ, न ही खरीदता हूँ और न ही पहनता हूँ….
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‘पंडालों’ में जो करोड़ों की राशि खर्च किये जाते हैं!
काश! यह अत्यधिक बारिश, बाढ़ादि आपदा से पीड़ित लोगों के सहयोगार्थ संचित भी रहते !
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मेरे घर के छप्पर से पानी ‘चू’ कर घर में फैल गया है, बावजूद बाढ़ पीड़ितों के छप्पर के लिए 10,000 रुपये का प्लास्टिक खरीदकर दिया हूँ !
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साहित्यिक-सहवास मन की उद्वेलिता को खत्म करता है, किन्तु शारीरिक-सहवास तन की उद्वेलिता को बढ़ाता है !
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अली बाबा और चालीस चोर !
आज हर पार्टी और कुनबे में सिर्फ ‘अली बाबा’ बदले हैं, तो उनके गिरहकट 40 मेंबर चोर के चोर ही है, लेकिन 41 में किसी के व्यवहार नहीं बदले हैं, सिर्फ मन्त्र बदल गए हैं ! अब ‘खुल जा सिम-सिम’ से दरवाजे नहीं खुलते !
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इस पीड़ादायी बारिश, फिर बाढ़ आपदा पर पीड़ितों की सेवा के लिए अघोषित कमाई करनेवाले ‘वकीलों’ को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने चाहिए….
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100 में 80 बेईमान ‘जी’ यहाँ, फिर भी भारत महान जी हाँ !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.