गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

आजाद हिन्द फौज की धड़कन तुम्हीं तो थे
हिन्दोस्ताँ के भाल का चन्दन तुम्हीं तो थे

जलती मशाल या कि किसी क्रान्ति की मिसाल
या फिर किसी शहीद का वन्दन तुम्हीं तो थे

टपका किये लहू की तरह आँख-आँख से
माँ भारती की श्वाँस का क्रन्दन तुम्हीं तो थे

होते ही साँझ यूँ छिपा निकला न भोर तक
सूरज सा जी रहा था जो जीवन तुम्हीं तो थे

सौ वर्ष बाद शान्त मिला बचपना तुम्हें
आजाद हिन्द का मगर बचपन तुम्हीं तो थे

— देवकी नन्दन ‘शान्त’

देवकी नंदन 'शान्त'

अवकाश प्राप्त मुख्य अभियंता, बिजली बोर्ड, उत्तर प्रदेश. प्रकाशित कृतियाँ - तलाश (ग़ज़ल संग्रह), तलाश जारी है (ग़ज़ल संग्रह). निवासी- लखनऊ