क्या मिलेगा हक सभी को
जिदंगी अपने अनुसार जी सके वो॥
चुन सके वो राहे सभी॥
जिनको पाने के सपने हो
उनके दिल मे॥
लोकिन वो मिलता नही है॥
गर हकीकत कडवी होती है
जिसने पडकर सभी खाब टूट जाते है॥आ
— अभिषेक जैन
क्या मिलेगा हक सभी को
जिदंगी अपने अनुसार जी सके वो॥
चुन सके वो राहे सभी॥
जिनको पाने के सपने हो
उनके दिल मे॥
लोकिन वो मिलता नही है॥
गर हकीकत कडवी होती है
जिसने पडकर सभी खाब टूट जाते है॥आ
— अभिषेक जैन