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ग़ज़ल
बढ़कर हमें है जान से प्यारी स्वतंत्रता है साजिशों की हो न हो मारी स्वतंत्रता बूढों के हाथ बेटियाँ बिकती रही यहाँ ये सोचकर उदास है क्वारी स्वतंत्रता बदले में जो ख़ुशी के हमें क़र्ज़ दे रहे गिरवी हैं उनके पास हमारी स्वतंत्रता तुमसे न छीनकर कोई ले जाये कल मुझे कह-कह के हमसे आपसे […]
कोई जीता नही कोई हारा नहीं…..मानस
कोई जीता नही कोई हारा नहीं। तुम मेरे ना हुये मै तुम्हारा नही।। बादलों से नमी तुमको मिल जाएगी, हम मिलेंगे नही ये नजारा नहीं। भागता ही रहा मै भी जाने कहाँ? मिलता परछाइयों से सहारा नहीं। छोड़ देना भला सागरों का सफर, दिख रहा हो जहाँ पर किनारा नही। कोई जीता नही कोई हारा […]
रिश्ते
सहेज कर रखा जिन को वो,अजनबी होते क्यों रिश्ते। टूट कर पात से बिखर जाएं मतलबी होते क्यों रिश्ते। दिल के जज्बात समझे न, कयामत ढाती नादानियां, चले दो कदम हाथ थाँमें, प्रतिवादी होते क्यों रिश्ते। वो मिले थे शहर अपनें में, दिल लूट कर ले गए जानी, न घर के रहे न घाट के, […]