बाल कविता

गौरैया

गौरैया मैं गौरैया,Sparrow in Hindi । गौरैया चिड़िया के बारे में 21 रोचक तथ्य - ←GazabHindi→
छोटी-सी मैं गौरैया,
हर पल कहती रहती हूं,
”शुकराने हे जग के रचैया”.
उसने ही हम सबको रचाया,
अब तक भी है उसने बचाया,
आगे भी वह रखवाला है,
हमने व्यर्थ क्यों शोर मचाया?

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “गौरैया

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत देर बाद आज चिड़िया या गौरया के दर्शन हो गए .कई महीनों से हम ने तो देखी ही नहीं . कितनी सुंदर लगती है ! और इस छोटी से रचना में आप ने बहुत कुछ कह दिया .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, रचना पसंद करने, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया करके उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन. शुक्र है हमारी सोसाइटी में बहुत-सी गौरैया दिखती हैं. आज सुबह सैर करते हुए खड़े होकर उनकी चहचहाहट सुनी, बहुत अच्छा लगा. वहीं खड़े-खड़े यह रचना बन गई. हमारी खिड़की के चौबारे पर भी गौरैया आती है. सर्दियों में बाल्कनी में बैठकर धूप में लंच करते हैं, उस समय भी गौरैया आ जाती है. बड़ा अपनापन लगता है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

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