बाल कविता

बाल कविता – समोसे

गरम समोसे मुसकाते हैं ,
मुँह में पानी वो लाते हैं।

तीन नुकीले कोनों वाले ,
सबके मन को ललचाते हैं।

स्वाद चरपरा उसका होता ,
चटनी साथ बहुत भाते हैं।

चाय समोसे जब संग आते ,
महफ़िल में रंग जमाते हैं।

सुबह जलेबी और समोसे,
जन जन पे ख़ुशी लुटाते हैं।
— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328