बोधकथा

सिंध, इल्म और आबरू

भारत-विभाजन के बाद विस्थापित ‘सिन्धी’ समाज काफी बर्बाद हो गए, जो पाकिस्तान में नहीं रहे, वो भारत तीन चीज लेकर आये । एक तो ‘राष्ट्रगान’ में ‘सिंध’ शब्द, दूजे- ‘इल्म’ और तीजे- ‘आबरू’ !

पाकिस्तान में आबरू नहीं बच पाए, किन्तु भारतीय राष्ट्रगान में ‘सिंध’ बचा रहा और ‘इल्म’ के बल पर देशभर में रोजगार खड़े किए। राजनीतिज्ञ रूप से मजबूत हुए और देश के उप-प्रधानमंत्री (लाल कृष्ण आडवाणी) भी बन गए।

इतना ही नहीं, वर्त्तमान प्रधानमंत्री इस (आडवाणी जी)  सिंधी-गौरव को चरणस्पर्श प्रणाम करते हैं! इस अल्पसंख्यक समाज से हम बहुसंख्यक को अवश्य प्रेरणा लेने चाहिए!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.