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खटिया पुराण

कल मेरी बचपन के एक मित्र कुलदीप  से बात हो रही थी. हम दोनों राजकीय इंटर कॉलेज, एटा में साथ साथ पढ़ते थे.एक ही मोहल्ले में रहते थे. मैं अपनी शिक्षा पूर्ण कर बैंक में लग गया और वोह इंटर क्लास कर अपने माता पिता के पास राजस्थान चला गया. इस दौरान हमारे उसके बीच कोई संपर्क नहीं रहा.एक महीने पहले ब्यालिस साल बाद फेसबुक द्वारा हम दोनों फिर संपर्क में अा गए. दोनों ही अपनी अपनी सेवाओं से रिटायर्ड हो गए. बच्चों के बारे में बातें हुई. कहां रह रहे है जानकारी शेयर हुई.
इसी जानकारी में उसने बतलाया उसने जयपुर में अपना इंडिपेंडेंट हाउस बनवा लिया है.
मोबाइल में बात करते हुए किसी की कुछ बेचने की आवाज अा रही थी.पूछने पर उसने बताया कि घर के बाहर चारपाई डाल कर बैठा हूं और कबाड़ी आवाज लगा रहा है.
चारपाई की बात पर मैंने उससे बोला भाई हमारे यहां तो कोई चारपाई ही नहीं है. हम तो फ्लैट में रहते और उसमें परमानेंट बैड हैं. चारपाई के लिए जगह ही कहां.
इस पर बोला ठीक कह रहे हो घरों में जगह कम होती है तो काम की ही चीजें रखी जाती है. मेरे बच्चें भी चारपाई को बेच देने के लिए कह रहे थे तो मैंने उनसे कहा अभी मत बेचो बाद में देख लेना.
यह सारी कथा मैं आपको क्यों बता रहा हूं क्योंकि चारपाई के बारे में कुछ बताने जा रहा हूं. कितनी उपयोगी होती है खटिया लेकिन क्या करें.

जब हम सोते हैं , तब सिर और पांव के मुकाबले पेट को खाना पचाने के लिए अधिक खून की जरूरत होती है.
इसलिए सोते समय चारपाई की जोली ही इस स्वास्थ का लाभ पहुंचा सकती है.

आरामकुर्सियां देख लें , सभी में चारपाई की तरह जोली बनाई जाती है. बच्चों का पुराना पालना कपडे की जोली का था . चारपाई पर सोने से कमर और पीठ का दर्द नही होता है .दर्द होने पर चारपाई पर सोने की सलाह दी जाती है.

डबलबेड हर समय बिछा रहता है, गद्दे उसपर पड़े रहते हैं  उसमें रोग के कीटाणु पनपते हैं , उनकी रोज-रोज सफाई नहीं हो सकती. चारपाई को रोज बिस्तर इकट्ठा कर सुबह खड़ा कर दिया जाता है और सफाई भी हो जाती है, सूरज का प्रकाश बहुत बढ़िया कीटनाशक है. खटिये को धूप में रखने से खटमल इत्यादि भी नहीं लगते हैं.
चारपाई पर सोने से गरमी भी कम मालूम होती है बान की बुनी होने से हवा आर पार होती रहती हैं.  मरीजों में बेड सोर की सम्भावना भी कम हो जाती है.

बान की चारपाई पर सोने से  शरीर का Acupressure होता रहता है .

गर्मी में छत पर चारपाई डालकर सोने का आनद ही और है. ताज़ी हवा , बदलता मोसम , तारों की छाव ,चन्द्रमा की शीतलता जीवन में उमंग भर देती है.
कैसा लगा यह खटिया पुराण.

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020