जोहार झारखंड
झारखंड के बहनों और भाइयों को जोहार ! झारखंड के मित्रों को झारखंड दिवस की शुभमंगलकामनाएँ ! वर्ष 2000 में ‘बिहार’ से काटकर झारखंड बना था । बिहारी कहलाने का मज़ा उन मित्रों के लिए 15.11.2000 से खत्म हो गए और ‘झारखंडी’ के रूप में हो गए !
परिवार टूटने से और अंग – भंग होने से दर्द होता ही है, वैसा ही दर्द हम बिहारी को तब हुआ था, किन्तु अगर कोई एकल परिवार से विकास की ओर बढ़ सकते हैं, तो छोटे – छोटे राज्य जरूरी है, किन्तु गोवा और केरल को छोड़कर कोई भी छोटा राज्य कहाँ आगे बढ़ पाया है ?
झारखंड भी इन 18 सालों में कई मुख्यमंत्री दिए, फिर छोटा राज्य विकसित कहाँ हो पाया ! भले ही माननीय रघुबर सरकार तो स्थायित्व पाये, किन्तु देखिए कि हेमंत सरकार स्थायित्व पा सकेंगे या नहीं ? बड़े राज्य गुजरात बड़े होकर भी विकसित हैं । बिहार भी विकासोन्मुख है । संयुक्त परिवार का आनंद ही कुछ और है।
कसक है, श्रीमान धौनी बिहारी थे, अब झारखंडी हैं । ऐसे कई उदाहरण हैं, जो कसक पैदा करता है । …. किन्तु माफियाओं की नज़र ‘झारखंड’ के खनन में जो है ! ऐसा अगर बन्द नहीं हुआ, तो भारतरत्न श्रीमान वाजपेयी जी के सपनों का ‘वनांचल’ [कालांतर में झारखंड] विकसित नहीं हो पायेगा ?
हमें श्रीमान अटलबिहारी और श्रीमान नरेंद्र के सपनों का झारखंड बनाना है । अभी तो आपके यहाँ विधानसभा चुनाव है, इस राष्ट्रपर्व में अवश्य शामिल होइये ! पुनश्च शुभकामनाएँ !