धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर- 165

(दीपावली विशेष सदाबहार कैलेंडर)

1.पल पल सुनहरे फूल खिलें,
कभी न हो कांटों का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
दिवाली पर है हमारी यही शुभ कामना.

2.बाग़ की बात सिर्फ माली ही समझे,
फूल का दर्द झुकी डाली ही समझे,
दुनिया वालों ने भी क्या रीत बनाई है,
दिये का दिल जले और लोग उसे दिवाली समझें.

3.पटाखों का शोर नहीं इस बार,
त्यौहार पर गरीबों पर मार,
कम-से-कम दीये तो उनके खरीद लो,
जिससे चल सके उनका घर-परिवार.

4.लक्ष्मी का हाथ हो,
सरस्वती का साथ हो,
गणेश जी का निवास हो,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो,
दिवाली मुबारक हो, खास हो.

5.अंधियारा धरा का छंट जाए,
इसलिए सैकड़ों दीप जलाएं,
मन का तामसी तम मिट जाए,
काश ऐसा दीप रोशन कर पाएं.

6.आपस का बैर-भाव मिट जाए,
इसलिए सबका मुख मीठा कराएं,
स्वयं के हृदय की कड़वाहट घुल जाए,
काश ऐसा मिष्ठान ढूंढ लाएं.

7.रात थी काली,
जिंदगी थी खाली,
दिन बदले तो आई दिवाली.

8.एक बार मुस्कराने से कोई गुनाह नहीं हो जायेगा,
हाले-दिल सुनाने से कयामत नहीं आ जायेगी,
ऐ मेरे दोस्त एक बार इधर भी इंसानियत की नजर से देख,
मेरी क्रिसमस, बैसाखी, ईद, तेरी दिवाली के दिन हो जायेगी.

9.मैं दीया हूँ,
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अंधेरे से है,
हवा ख़्वामख़्वाह ही परेशान है.

10.रोशनी से हो रोशन हर लम्हा आपका,
हर रोशनी सजे इस साल आपके आंगन में,
दुआ हम करते हैं आप सलामत रहें,
हर दुआ सजे इस साल आपके आंगन में.

11.जैसे दिया बाती का रिश्ता होता है,
वैसा रिश्ता बना लेते हैं,
बन जाएं इक दूजे के लिये,
और इस दिवाली को खुशियों से सजा लेते है.

12.दीपावली खुशियों का त्योहार है,
अंधेरा उजाले की ओर बढ़ने को बेकरार है,
हर कोई अंधेरे को उजाला करने को तैयार है,
पर जो सावधानी रखे वही समझदार है,
कोई वक्त का तो कोई खुशियों का तलबगार है,
नजरें बिछा कर बैठा है हर कोई,
सभी को दिवाली के इन पलों का इंतजार है.
जी लो इन पलों को, फिर न कहना,
अगले साल का इंतजार है.

13.हर बच्चे के चेहरे पे दिखे रौनक,
और बड़ों के चेहरे पे लाली होनी चाहिये,
कोई भी शख्स न रूठे इस बार,
किसी की भी जेब न खाली होनी चाहिये,
सिर्फ अमीर की नहीं इस बार,
गरीब की भी आंख मतवाली होनी चाहिये,
दिल्ली ही नहीं साहब इस बार,
देश का हर कोना हर बस्ती दिल्ली वाली होनी चाहिये,
इस बार मस्जिद में दीप जलने चाहिएं,
इस बार मंदिर में कव्वाली होनी चाहिएं,
लोगों की तो बहुत देखी है हमने,
इस बार मजहबों की भी दिवाली होनी चाहिये.

14.दिल से दिल की महफिल सजाई आपने मुबारक हो,
सबको दीपावली का पावन पर्व मुबारक हो.

15.जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये,
जिंदगी दूर रखती है सताने के लिये,
महफिलों की शान न समझना मुझे,
में तो हंसता हूँ गम छुपाने के लिये.

16.वो दोस्तों की महफिल, वो मुस्कराते पल,
दिल से जुदा नहीं बीता हुआ कल,
कभी जिंदगी गुजरती थी वक्त बिताने में,
अब वक्त गुजरता है, जिंदगी बिताने में.

17.महफिल में कुछ तो सुनाना पड़ता है,
गम छुपाकर मुस्कराना पड़ता है,
कभी हम उनके थे दोस्त,
आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता है.

18.स्नेह में डूबी ये बाती, अंधेरों को उजाले पहना रही है!
जलने का गम नहीं,अंतिम सांस तक मुस्कुराना चाहती है बाती!
फड़फड़ाने लगे लौ, रोशन जहाँ कर विदा होगी बाती!!

19.सोने और चांदी की बरसात निराली हो,
फूलों-सी खुशियों का ईश्वर माली हो,
सेहत भी रहे अच्छी चेहरे पे लाली हो,
हँसते रहें आप ख़ुशहाली-ही-खुशहाली हो.

20.दीपक की ज्योति, ज्योति में प्रकाश,
पुलकित रहे धरती, जगमगाये आकाश,
दीयों की कतार कहे बार-बार,
बिराजे मां लक्ष्मी आपके घर-द्वार.

21.जीवन एक बगिया है कांटों पे फूल बने,
संगेमरमर पत्थर राहों की धूल बने,
एक पतझड़ का मौसम आता है बहारों में,
रातों के सितारे भी यादों के फूल बने.

22.आदतें अलग हैं हमारी दुनिया वालों से,
कम दोस्त रखते हैं, मगर लाजवाब रखते हैं,
बेशक हमारी माला छोटी है,
पर फूल उसमें सारे गुलाब रखते हैं.

23.घर-आंगन का, मन-प्रांगण का,
हर कोना जगमगाएं,
दीप-से-दीप जलाएं,
आओ मिलकर दिवाली मनाएं.

24.धुंधला धुंधला-सा हैं समां आजकल, अपनेपन की लौ जला दो,
किस्मत के तारे बुलंद करते आशा-दीप प्रज्वलित कर दो,
कोना-कोना जगमगाए-महके-महकाएं,ऐसे सुंदर फूल खिला दो,
नजरिया अपना नेह-सद्भाव से निखार दो.

25.अंधकार सब सो गया, ज्योति रही है जाग,
ज्योति शिखाओं से जगे, सोए जग के भाग.

26.बनाकर दिये मिट्टी के,
जरा-सी आस पाली है,
खरीद लो मेहनत मेरी,
मेरे घर भी दिवाली है.

27.खुशियों के समंदर में, विश्वास की कश्ती हो,
सागर की मौजों में, प्रभु-प्रेम की मस्ती हो,
हे प्रभु सृष्टि को सुंदरतम बनाए रखना,
हर मुखड़े पर मुस्कान हो और कली-कली हंसती हो.

28.मौन का अर्थ केवल मुख से चुप रहना नहीं है,
इसका असली अर्थ है,
अपनी शक्तियों का अपव्यय न करके,
अपनी आंतरिक ऊर्जा संचित करना.

29.रखो हौसला वो मंज़र भी आएगा,
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा.

30.हर घर ज्ञान से रोशन हो,
कहीं भी न अंधकार हो,
बाहर कितने भी दीप जला लें,
मन का एक ही दीप जले तो दिवाली का त्योहार हो.

31.ये फूल ये खुशबू ये बहार
आपको मिलें ये उपहार
चांद-सितारों से आप करें श्रृंगार
खुशियां मिलें आपको कई हजार
दामन तुम्हारा छोटा पड़ जाए
मिले आपको इतना प्यार
मुबारक हो खुशियों भरा दीपोत्सव का त्योहार.

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हमारे शाहदिल पाठक ब्लॉग्स पर इतनी शानदार-जानदार-सकारात्मक प्रतिक्रियाएं लिखते हैं, कि वे प्रतिक्रियाएं संजोने योग्य होती हैं. इन्हीं प्रतिक्रियाओं में से दिलखुश जुगलबंदी भी सृजित हो जाती है, तो सदाबहार कैलेंडर्स भी बन जाते हैं. अनेक बाल गीत और कविताएं भी इनमें समाहित होती हैं. इन्हीं प्रतिक्रियाओं से रोड शो भी बन जाते हैं, तो अन्य अनेक ब्लॉग्स भी. प्रस्तुत है ऐसी ही प्रतिक्रियाओं द्वारा सृजित विशेष सदाबहार कैलेंडर. यह विशेष सदाबहार कैलेंडर दीपावली विशेष है. अभी दीपावली पर्व चल रहा है. विशेष सदाबहार कैलेंडर के सभी सुविचार अनमोल, संग्रहणीय और अनुकरणीय होते हैं. एक बार फिर आपके समक्ष प्रस्तुत है विशेष सदाबहार कैलेंडर. शाहदिल पाठकों की प्रतिक्रियाएं शाहदिल पाठकों को समर्पित. गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “विशेष सदाबहार कैलेंडर- 165

  • लीला तिवानी

    हमारे शाहदिल पाठक ब्लॉग्स पर इतनी शानदार-जानदार-सकारात्मक प्रतिक्रियाएं लिखते हैं, कि वे प्रतिक्रियाएं संजोने योग्य होती हैं. इन्हीं प्रतिक्रियाओं में से दिलखुश जुगलबंदी भी सृजित हो जाती है, तो सदाबहार कैलेंडर्स भी बन जाते हैं. अनेक बाल गीत और कविताएं भी इनमें समाहित होती हैं. इन्हीं प्रतिक्रियाओं से रोड शो भी बन जाते हैं, तो अन्य अनेक ब्लॉग्स भी. प्रस्तुत है ऐसी ही प्रतिक्रियाओं द्वारा सृजित विशेष सदाबहार कैलेंडर. यह विशेष सदाबहार कैलेंडर दीपावली विशेष है. अभी दीपावली पर्व चल रहा है. विशेष सदाबहार कैलेंडर के सभी सुविचार अनमोल, संग्रहणीय और अनुकरणीय होते हैं. एक बार फिर आपके समक्ष प्रस्तुत है विशेष सदाबहार कैलेंडर. शाहदिल पाठकों की प्रतिक्रियाएं शाहदिल पाठकों को समर्पित. गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं.

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