बालोपयोगी लेख

किस्सा कुँअर सिंह के

उनके किस्से बच्चे या जवान क्या, वृद्धों में भी शक्ति और ऊर्जा का नवसंचार कर दे तथा उनमें स्फूर्ति भर दे ! आज़ादी के ऐसे दीवाने, भारत और बिहार के ऐसे जमींदार, जो अंग्रेजों के विरुद्ध 80 वर्ष की अवस्था में भी ज़मींदारी त्यागते हुए अपनी माटी के रक्षार्थ ‘हल्ला बोल’ दिए, ऐसे अमर सेनानी ‘कुँवर सिंह’ के पावन जन्मोत्सव (23 अप्रैल) पर उन्हें सादर नमन और आप सभी फेसबुक मित्रों को एतदर्थ शुभमंगलकामनाएँ…..

क्या हम ‘कुँवर सिंह’ को ‘वीर’ के रूप में याद करें या ‘बाबू’ के रूप में याद करें?
क्या ‘स्वतंत्रता सेनानी’ के रूप में याद करें?
क्या ‘बड़े जमींदार’ के रूप में याद करें?
उनकी अवस्था जब 80 वर्ष की थी और तब उन्हें लगा, अंग्रेज उनकी जमींदारी और रियासत को छीन लेगा, तब वे अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठा लिये !

अगर वे 30 वर्ष की आयु में ही हथियार उठाए होते, तो आज़ादी बहुत पहले मिल सकती थी ! किन्तु हम यह भी तो सोच सकते हैं कि युवाओं की अकर्मण्यता के कारण ही उन्हें वयोवृद्धावस्था में हथियार उठाने पड़े !
भले ही वे प्रथमतः अपनी जमींदारी बचाने को लेकर इस अवसर को ‘राष्ट्रीय फ़्रेम’ में रखकर ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ में वयोवृद्ध अवस्था में कूदने से जहाँ युवाओं को प्रेरणा मिली !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.