सामाजिक

कलम से कागज पर भी लिखे

कलम से कागज पर लिखी जाने वाले लेखन विधा कम्प्यूटर युग में खो सी जाने लगी |सुन्दर अक्षरों की लिखावट के पहले अंक मिलते थे।साथ ही सुन्दर लेखन की तारीफे होती थी जो जीवन पर्यन्त तक साथ रहती थी ,स्कूलों ,विभिन्न संस्थाओं द्धारा सुन्दर लेखन प्रतियोगिता भी होती थी|अब ये विधा शायद विलुप्ति की कगार पर जा पहुंची |लेखन विधा को विलुप्त होने से बचाने हेतु लेखन विधा के प्रति अनुराग को हमें जारी रखना होगा।ये लेखन एक सागर के सामान है जितना लिखना जारी रखेंगे उतने ही बेहतर विचार ,सुन्दर अक्षर और निखरेंगे।कलम के माध्यम से लेखन से नए विचारों का उदय होता |वही लेखन कला को बढ़ावा मिलता है | यदि कच्चा कार्य यानि कलम द्धारा पहले ड्राफ्ट तैयार  कर टाइपिंग के लिए दिया जाता है|टाइपिंग करने वाले को सुन्दर अक्षरों के कारण अक्षर पढ़ने और टाइप करने में आसानी होकर त्रुटि रहित कार्य होता है | कहने का सार ये है कि स्पष्ट ,सुन्दर, सही व्याकरण लिखे जाने की आदत होना चाहिए |

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि ‘ 

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच