बालोपयोगी लेख

मेहँदी लगी मेरे हाथ से

रावलपिंडी में जन्म, फिर भारत विभाजन के बाद लखनऊ आकर बस गए आनंद बख्शी ने 600 से अधिक फिल्मों के लिए 4,000 से अधिक गाने लिखे ! सभी एक से बढ़कर एक । आश्चर्य की बात है, वे 40 बार फ़िल्म फेयर पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए, किन्तु 4 बार ही प्राप्त हुए ! सन1958 में उन्हें सबसे पहले भगवान दादा की फिल्म ‘भला आदमी’ के लिए गीत लिखा, किन्तु उनकी पहचान 1962 में रिलीज़ फ़िल्म ‘मेहँदी लगी मेरे हाथ से’ मिली, तो1965 की फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ के सभी गाने सुपरहिट रहे। सन 1965 में ही फिल्म ‘हिमालय की गोद में’ के लिए लिखे गीत ‘चांद सी महबूबा हो मेरी’ हिटेस्ट रही। सन 1967 में रिलीज़ फ़िल्म ‘मिलन’ के लिए लिखे गीत ‘सावन का महीना पवन करे शोर’ से वे सफलता की मुकाम को छू लिये। सन 1969 में फ़िल्म ‘आराधना’ के लिए लिखे गीत ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ के लिए वे अमर हो गए…. 30 मार्च 2002 को वे पार्थिव दुनिया से कूच कर गए….

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.