क्षणिका

सहना आया है

सार्थक अधिनियम पर

हिंसात्मक प्रतिकार

अथवा डराकर

दुकानों या गाड़ियों को

बंद कराना

सत्ता हासिल करने का

जुगाड़तंत्र है,

लोकतंत्र नहीं !

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अगर बहुमत के अधिनियमों से

आपको परेशानी है,

तो जब आप बहुमत में आएं,

तो अधिनियम पलट डालिये….

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आज एन्टी-प्रेमचंद जैसे

कथाकार की जरूरत है,

जो ‘पूस का दिन’ लिखे !

पूस के इन दिनों

जो कड़ाके की ठंढ पड़ रही,

आज महसूस कर रहा हूँ !

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“पूस की रात”

कटे कैसे ?

न मेरे पास जबरा है,

न तो मुन्नी !

एक ‘कम्बल’

है भी तो बकाए के;

जिनके पैसे माँगने

सहना भी तो आ गए

आज ही !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.