कविता

ईश्वर का धन्यवाद

आइए !ईश्वर का
धन्यवाद करते हैं,
अपने अंदर बैठे ईश्वर को
नमन करते हैं।
ईश्वर ने हमें वो सब दिया
जो हमारी जरूरत है,
पर हमनें वो नहीं किया
जो सबकी जरूरत है।
अपने आपमें झांकने की
अब हमें जरूरत है,
सिर्फ़ पाने की ही नहीं,
बाँटने की भी जरूरत है।
बस !.खुश रहिए
खुशियाँ फैलाइए,
जीवन का एक उद्देश्य बनाइये
सारे जहाँ में रोतों को हंसाने को
अपना आधार बनाइए ।
आप श्रेष्ठ हैं ये भाव अच्छा है
मगर जरा दुनिया में
अपनी श्रेष्ठता के
दर्शन भी कराइए।
इंतजार बंद कीजिए
हौसला कीजिए
ईश्वर का अंश आप भी तो हैं,
फिर किस बात की चिंता है?
ईश्वर हमारी तरह निठल्ला तो नहीं
फिर उसके अंश का
मायूस होना अच्छा तो नहीं।
ईश्वर का धन्यवाद कीजिये
उसने आपको चुना है,
उसके चुनाव का अपमान
तो मत कीजिए।
ईश्वर हर पल हमारे साथ है,
कम से कम इसका ख्याल तो कीजिए,
इसके लिए ही सही
ईश्वर का धन्यवाद तो कीजिए।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921