कविता

कविता

दुखो के बीच जीने की चाह
पैदा कर रहा हूं
मैं खुद को ऐसा बना रहा हूं
कि मुझे जिंदगी
जीने में कोई
तकलीफ़ न हो
और वो भी दुःखी न हो
जिनका मुझसे
कोई रिश्ता हो
क्योंकि अपनों
को दुःख देना
बुरी बात है
और ऐसी बातों
को होने
से रोया जाएं
तो अच्छा हो

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश