कविता

समाज की चुप्पी

समाज की चुप्पी

चुप रहना चुन लेना
तुम बेशक
जब होती हो कहीं पर
बलात्कार, हत्या या और किसी
किस्म की जघन्यतम घटना
कोई
किसी स्वार्थ या डर के चलते,
मगर चुप रहना तब भी
खुद पर बीते जब ऐसा,
जायज ठहरा लेना अपने साथ
हुए कृत्य को भी
उन ‘तर्कों’ से
जो देते हो तुम दूसरों के मामले में,
वैसे भी
संवेदनाएं मर चुकी हों जिनकी
उन ‘लाशों’ के साथ
कोई कुछ भी करे
किसी को क्या फर्क पड़ता है?

जितेन्द्र ‘कबीर’
मैं जितेन्द्र कुमार घोषणा करता हूं कि प्रस्तुत रचना मेरी मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
परिचय –
साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘ कबीर ‘
संप्रति – अध्यापक
पता- जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र – 7018558314

जितेन्द्र 'कबीर'

साहित्यिक नाम - जितेन्द्र ' कबीर ' संप्रति - अध्यापक पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश 176314 संपर्क सूत्र - 7018558314