इतिहास

राष्ट्रीय युवा दिवस यानी स्वामी विवेकानंद जयंती

स्वामी विवेकानंद जयंती व राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) !

उठो ! जागो !! आगे बढ़ो !!! हर वर्ष 12 जनवरी को हम ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाते हैं, स्वामी विवेकानंद की जयंती।

नरेंद्र नाथ दत्त ने जिस किशोर उम्र में स्वामी विवेकानंद बनकर पूरी दुनिया में अपने ज्ञान का डंका बजवाये, वो नित्य चिरस्मरणीय तो है ही, साथ ही अलसाये भारतीय युवाओं के लिए सबसे मजबूत प्रेरणार्थ-व्यक्तित्व हैं ! आज सम्पूर्ण दुनिया अमेरिका केंद्रित हो गया है, किन्तु यही अमेरिका 1893 और इसके बाद 20 वीं सदी के पूर्वार्द्ध तक स्वामी विवेकानंद केंद्रित थे।

तब कई लाख विदेशी युवाओं ने विलासिता की ज़िन्दगी छोड़कर स्वामी जी के दर्शन और विचारों को आत्मसात् कर लिए थे । इन विचारों को किसी एक पंथ या सम्प्रदाय में बाँधना उनके प्रति ज्यास्ती होगी, क्योंकि उनके बोल भारतीय युवाओं के लिए गुलाम मानसिकता से उठने (उबरने), जगने (अपनी पहचान बनाने) और देश के लिए आगे बढ़ने लिए था ।
…..तो आइये उस व्यक्तित्व से हम अपना कृतित्व निखारें !

 

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.