गीत/नवगीत

घर में घुस कर मारेंगे

अगर सनातन पर अब कीच उछालेंगे
हम सब उनके घर में घुस कर मारेंगे।

माफी मांगें तो भी काम नहीं होगा,
कर्म करेंगे जो परिणाम वही होगा,
बहुत हुआ हंस-हंस कर हमने टाला है
जहां रहेगें रिपु, कोहराम वहीं होगा।

आस्तीन में अब हम सांप ने पालेंगे,
हम सब उनके घर में घुस कर मारेंगे।

अभिनेता, निर्देशक या निर्माता हो,
लेखक, कवि या कोई भाग्य विधाता हो,
एडीटर , कैमरामैन जो भी होगा
फिल्म-सीरियल से कोई भी नाता हो,

निर्णय होगा ‘तुरत’, नहीं अब टालेंगे,
हम सब उनके घर में घुसकर मारेंगे।

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154