गीत/नवगीत

भारत ही तन मन है

देश गीत
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हम सबका है जीवन भारत भारत ही तन मन है |
जन्म भूमि मेरी है यह कर्म भूमि मेरी है |

उगते सूरज की किरणो का ,वन्दन हम करते हैं |
तुलसी के पौधे में माँ का , दर्शन हम करते हैं |
भारत की संस्कृति है न्यारी . यही धरोहर है |
जन्म भूमि मेरी है कर्म भूमि मेरी है |
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यह संसार असीम अलौकिक ,एक विशाल सागर है |
देश अनेंको है इसमे बस ,उनके नाम अलग हैं |
अग्र दूत है यह भारत , भारत ही विश्व गुरू है |
जन्म भूमि मेरी है यह कर्म भूमि मेरी है |
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देव भूमि है यह भारत , इसकी महिमा न्यारी है |
हर बालक है राम यहाँ ,नारी दुर्गा काली है |
यह विशाल भारतअपना ,हर युग की महा शक्ति है|
जन्म भूमि मेरी है , यह कर्म भूमि मेरी है |

हम सबका – – – – – – –
मंजूषा श्रीवास्तव’मृदुल’

*मंजूषा श्रीवास्तव

शिक्षा : एम. ए (हिन्दी) बी .एड पति : श्री लवलेश कुमार श्रीवास्तव साहित्यिक उपलब्धि : उड़ान (साझा संग्रह), संदल सुगंध (साझा काव्य संग्रह ), गज़ल गंगा (साझा संग्रह ) रेवान्त (त्रैमासिक पत्रिका) नवभारत टाइम्स , स्वतंत्र भारत , नवजीवन इत्यादि समाचार पत्रों में रचनाओं प्रकाशित पता : 12/75 इंदिरा नगर , लखनऊ (यू. पी ) पिन कोड - 226016