हाइकु/सेदोका तांका – मूल्य… मनोज शाह 'मानस' 02/02/202102/02/2021 १. काश ! नेता भी देश विकास मूल्य समझ जाते लोग इस तरह शून्यता में ना होते २. जिंदा में नहीं प्रतिमा कोई मूल्य आदमीयत ‘वो कितने अच्छे थे’ मरने पे मालूम — मनोज शाह ‘मानस’