कविता

कविता

क्या तुम्हें कोई दुःख नहीं होता।

जनता को दुखी देखकर

कि जिम्मेदारी कुछ तो बनती है

तुम्हारी भी

जो तुमने वादे किए

थे चुनाव के समय

उनसे

वहीं वादे सड़क बिजली

और खाना

जो अभी तक मिला नहीं है

शायद जुमला था वो

जिसको जीतकर

भूलने वाले भूल जाते है

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश